अयोध्या को उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी बनने की प्रयास में एक और पहल, 20 हजार करोड़ की परियोजनाओं का प्रस्ताव हुआ तैयार

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा 20,000 करोड़ की परियोजनाओं का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिससे अब अयोध्या की सड़क एकदम बढ़िया हो जाएगी।

 
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2047 का मिशन।

उत्तर प्रदेश, Digital Desk: आज़ादी के 100 वर्ष पूर्व होने के पहले यानी 2047 के पहले अयोध्या को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी बनाने का संकल्प लिया गया है। ऐसे में अब इसके प्रति गंभीर प्रयास भी शुरू हो चुके हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस परिकल्पना को साकार करने के लिए, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अब सबसे पहले इस पहल की शुरुआत कर दी है।

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने विभाग से लगभग 20000 करोड की परियोजना का प्रस्ताव तैयार कर दिया है। यह एक बहुत बड़ी परियोजना है, जिसके तहत अयोध्या एवं उससे संबंधित आने जाने वाले मार्गों के रास्ते एकदम बढ़िया हो जाएंगे। जिससे वहां की एवं अन्य जिले के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

पूरा सार:

84 कोसी परिक्रमा मार्ग को ना केवल राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा मिलेगा, बल्कि चार हजार करोड़ की लागत से यहां 275 किलोमीटर के हाईवे का निर्माण भी किया जाएगा। इसके अलावा 10 हजार करोड़ की लागत से वहां अयोध्या से होकर गोरखपुर और लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग को 6 लेन बनाने की परियोजना को भी हरी झंडी मिल गई है।

इससे अतिरिक्त 6000 करोड़ की लागत से लगभग 70 किलोमीटर रिंग रोड जिसे अब बाईपास रोड के नाम से जाना जाता है। उसे मंजूरी ही नहीं मिली बल्कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी 6 जनवरी को इसकी आधारशिला भी रख देंगे। यह जो रोड होगी वह 3 सड़क यानी अयोध्या बस्ती और गोंडा से होकर जाएगी। इसका डीपी अहमदाबाद की कंपनी की तरफ से तैयार किया जा रहा है, जिससे अधिग्रहित भूमिका का मुआवजा भी शामिल है।

एनएचआई के महाप्रबंधक ने तीनों जिले के जिलाधिकारियों से मुआवजा निर्धारित करने की अपेक्षा की है। जबकि सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि 4 रेलवे ओवर ब्रिज, सरयू नदी पर दो पुल और पांच प्रमुख मार्ग पर निर्माण होना है। इस बाईपास से कनेक्टिविटी पहले से बेहतर होगी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

84 कोसी परिक्रमा के लिए सर्वे पूरा:

84 कोसी परिक्रमा मार्ग के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा सर्वे भी पूरा कर लिया गया है। इस मार्ग से लगभग 51 से भी ज्यादा तीर्थ स्थलों को जोड़ा जाएगा और 4000 करोड़ की इस परियोजना के लिए जमीन लेने का काम दिसंबर 2022 तक तय कर दिया गया है।

मौजूदा समय में अयोध्या, अंबेडकर नगर, गोंडा, बाराबंकी और बस्ती से गुजरने वाली यह परिक्रमा मार्ग करीब 233 किलोमीटर लंबी होगी। इस नए मार्ग से पुरानी परिक्रमा पर स्थित न सिर्फ सभी तीर्थ स्थल जुड़ जाएंगे, बल्कि पुरानी परिक्रमा मार्ग भी ठीक हो जाएगी। जिससे इसकी चौड़ाई भी बड़ी हो जाएगी और यातायात में सुविधा होगी।